क्या प्रभावकारी व्यक्ति पूरी तरह से बॉक्सिंग को बदल रहे है, हमने कही बॉक्सिंग मैचेस देखे होंगे जो खिलाडी दर खिलाडी बदलते रहते है। कुछ वेट के हिसाब से अपने फाइट को चुनते है। ऐसे मे अभी बॉक्सिंग ने अपने खेल मे कही बदलाव देखे है, जहाँ सोशल मीडिया के चहिते जैसे यू टूबर्स, गमेरस, इंस्टाग्राम जैसे कही लोग अपना लक आजमाने इस खेल को खेलते है, कुछ लोग कामयाब होते है और कुछ नही। पर क्या ये बॉक्सिंग के भविष्य के लिए सही है, जबकि इस खेल को हर कोई खेल सकता है।
टॉमी और जेक के मुकाबले ने खड़ा किया है एक नया विवाद
जेक पॉल बनाम टॉमी फ्यूरी का मैच केवल एक बॉक्सिंग मैच नही था। रविवार रात उनके आठ राउंड के मुकाबले में एक्शन की गुणवत्ता के लिए नहीं बल्कि उनके द्वारा किए गए ध्यान के स्तर के लिए जाना गया था। ये मुकाबला बिल्कुल ही दो वर्गो के प्रतिद्वंदियो के बीच था। दोनो खिलाडी बॉक्सिंग के इतने बड़े महारती नही थे। पर फिर भी दोनो ने इस मुकाबले को लड़ने के लिए त्यार दिख रहे थे।
बले ही अंत मे इस मुकाबले को फ्यूरि ने जीता हो पर पॉल ने भी उसे खड़ी टक्कर दी थी, जहाँ उसने लास्ट राउंड मे टॉमी को क्नॉक आउट कर कुछ देर के लिए संसनी मचा दी थी।हालांकि, खेल के शुद्ध नीतियों के लिए, जिस तरह का ध्यान और इनाम उन्हें मिला, वह उनकी प्रतियोगिता में मुक्केबाजी की गुणवत्ता से कहीं अधिक था।जो एक प्रोफारेशनल बोक्सर्स अपने साल भर के मेहनत से भी नही जुटा पाता है।
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पूर्व वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर मैथ्यू मैकलिन ने एक रूप से खेल के लिए कोई लाभ नहीं देखा।बड़ी संख्या, बड़ा दर्शक वर्ग, यह पैसा है, यह माप तोल है। लेकिन एक बॉक्सिंग प्रशंसक के रूप में, मुझे बॉक्सिंग की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ, सर्वश्रेष्ठ मैचों को देखने में दिलचस्पी है। उन्होंने मीडिया के सामने अपनी राय रखी और पूछा क्या वो दिन अब खत्म हो गया है जहाँ हमे अच्छी बॉक्सिंग फाइट देखने को मिलती थी।
क्या आगे आने वाली पीढ़ी यही देखे बॉक्सिंग सीखेगी टेलीविजन पर लोगों को उच्चतम स्तर का होना चाहिए, ये सभी जो फाइट देख रहे है ये कोई बॉक्सिंग फैंस नही ये सारे उन लोगो के फैंस है, उन उन यू टूबर्स और सोशल मीडिया के फैंस एक बार ये चले गए तो आप अपने आप को कहा पाएंगे उन्होंने सवाल किया जो एक समय के लिए जायज भी प्रतीत होता है।