Conor Benn WBC के वेल्टरवेट रैंकिंग के 7 पायदान पर वापस आ चुके है। कहा उन्हे पिछले अगस्त मे क्रिस युबंक से लड़ना था। जहाँ उनके टेस्टिंग प्रक्रिया मे उनके शरीर मे क्लोमफिन पाया गया। जिसके कारण उनकी लडाई को पहली बार रोक दिया गया था। कुछ दिन बाद उनका प्रशिक्षण दुबारा किया गया था। जिसमें वो दुबारा पॉजिटिव पाए गए थे और इसके बाद इन दोनो बोक्सर्स की लडाई को रद्ध कर दिया गया था। Benn इन सभी चीजों से काफी डर गए थे। उनकी वेल्टरवेट रैंकिंग उनसे चीन ली गई थी।
Conor Benn का सबसे बुरा समय अब अंत की और
उन्हे ब्रिटेन मे लड़ने से प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बाद benn और उनकी टीम ने 270 पेज का डॉक्यूमेंट बेजा अपनी निर्दोषता को साबित करने के लिए, जिसपर उन्हे कहा गया VADA द्वारा प्रशिक्षण पर ये परिणाम है अगर वे तीसरे टेस्ट मे नेगेटिव पाए जाते है तो उन्हे उनकी रैंकिंग वापस मिल सकती है। और उनके तीसरे प्रशिक्षण मे benn नेगेटिव पाए गए थे। और फिर शुरू हुई लंबी पड़ताल।
इस जाँच मे ये पता लगाया गया कि ज्यादा अंडे के सेवन के कारण ही benn पॉजिटिव पाए जा रहे थे। और कुछ ही समय मे वो रैंकिंग मे वापस आ जाएंगे पर अभी भी वो ब्रिटेन मे नही लड़ सकते है जो उनके उपर प्रतिबंध अभी भी स्थापित है। इसके बाद benn ने बहुत सारे सवाल किए, क्यूँकि उनके साथ बहुत कुछ घट चुका था। अभी वेल्टर वेट मे उनकी रैंकिंग को वापस डाल दिया गया है।
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बुधवार को प्रकाशित अपनी रैंकिंग में, WBC ने औपचारिक रूप से ब्रिटिश पंचर को नंबर 7 पर, एबेल रामोस को नंबर 6 पर और एगिडीजस कवालियास्कस को नंबर 8 पर पिन किया। संगठन के भार वर्ग के चैंपियन एरोल स्पेंस जूनियर हैं, जबकि इसके नंबर 1 दावेदार कीथ थुरमन हैं। Benn ने इसे देखकर अपने इंस्टाग्राम मे मेसेज किया कि मे उस नंबर एक पायदान के लिए आ रहा हूँ।
Benn पहले WBC के साथ नंबर 5 पर थे। लेकिन पिछले साल यह खुलासा होने के बाद कि Benn न केवल एक दवा परीक्षण में विफल रहे थे।, बल्कि उसी पदार्थ क्लोमीफीन के लिए दूसरा, डब्ल्यूबीसी ने उन्हे अपनी रैंकिंग से हटाने का फैसला किया।Benn ने हाल ही में दावा किया कि क्लोमीफीन उनके शरीर में कभी नहीं था और इसके बजाय उन्होंने प्रयोगशाला प्रक्रियाओं को दोष दिया।हालाँकि अभी benn की जाँच अभी भी ब्रिटिश बॉक्सिंग बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल और यूनाइटेड किंगडम एंटी-डोपिंग द्वारा की जा रही है, लेकिन वह देर से मीडिया के चक्कर लगा रहे है, अपनी मासूमियत को बनाए रखते है और एक बड़ी लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे है।